Tuesday, January 13, 2015

उस पार ना जाने क्या होगा

Stole a line from the epic collection of Shree Hariwansh Rai Bachchan Ji and tried to write a few lines by myself. No comparison to the original ones. I am presenting my utterly failed try here.

इस पार प्रिये मधु है तुम हो,
उस पार ना जाने क्या होगा,

इस पार देकर मधु का प्याला,
तुम हमें बहला देती हो,
उस पार हमें बहलाने का,
उपचार ना जाने क्या होगा,
इस पार प्रिये मधु है तुम हो,
उस पार ना जाने क्या होगा,

जब भी आँखे ये रोये तुम,
अपना हाथ बढ़ा देती हो,
साथ ना होकर भी तुम मेरा,
ख्वाब में साथ निभा देती हो,

मेरे सब गम धूल जाते है,
प्यार की तेरी बारिश में,
उस पार तेरी इस बारिश का,
आसार न जाने क्या होगा,

इस पार प्रिये मधु है तुम हो,
उस पार ना जाने क्या होगा,

तेरे होठो पे ही मेरे,
जीवन की मुस्कान लिखी,
तेरे बिन तो मेरे दिल ने,
हर खुशिया वीरान लिखी,

अभी कोई खुशिया जो पूछे,
तेरा नाम बता देते है,
उस पार मेरी इन खुशियों का,
आकार ना जाने क्या होगा,

 इस पार प्रिये मधु है तुम हो,
उस पार ना जाने क्या होगा,

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