Friday, April 27, 2012

और तेरी आरजू है..

मेरे दिल के दरमियाँ बस,
दो ही तो गुफ्तगू है,  
यादों की कशमकश है,
और तेरी आरजू है..

आजा तू दिल में रहने,
सब कुछ भुला मै दूंगा,
मेरे लिए तो यारा,
धड़कन से पहले तू है..

पाने की चाह में तुझको, 
दुनिया से लड़ गया हु,
दीवानगी की हद से,
आगे मै बढ़ गया हु,
रखके खुदा की जगह,
सजदा तेरा किया है,
माँगा भी बस तुझे है,
देने वाला भी तू है..

हर ख्वाहिश से बढ़के,
तेरी चाह मिली है,
जिंदगी की राहों से,
तेरी राह मिली है,
मंजिल से मेरा बस,
इतना सा फासला है,
पाना भी बस तुझे है,
रास्ता भी तू है..       

मेरे दिल के दरमियाँ बस,
दो ही तो गुफ्तगू है,  
यादों की कशमकश है,
और तेरी आरजू है..

Sunday, February 5, 2012

हाँ मुझे तुमसे प्यार हुआ

A very sweet poem written and sent to me by a very sweet friend, After making so much effort, I am allowed to write it on my blog. Read it, Enjoy it, Love it, It came directly from heart...

हाँ मुझे तुमसे प्यार हुआ,
ना जाने कब इकरार हुआ,

जबसे तुमको समझा,
जबसे तुमको जाना,
तबसे तुमसे प्यार हुआ,
हाँ मुझे तुमसे प्यार हुआ,

तुम्हारा मुझे सताना,
और प्यार से मनाना,
तुम्हारा मुझे देखना,
और मेरा मुस्कुराना,
हर पल जो साथ गुजारा था,
हर उस पल में इकरार हुआ,
हाँ मुझे तुमसे प्यार हुआ,

मुझसे दूर जब तुम जाते हो,
कुछ भी ना अच्छा लगता है,
हर रात तुम्हारी याद में,
दिन इंतजार में कटता है,
अब तो तुम्हारे आने के,
इंतजार से भी प्यार हुआ,
ना जाने कब इकरार हुआ,
पर ये सच है,
हाँ मुझे तुमसे प्यार हुआ,

Tuesday, January 17, 2012

तेरी महक मेरे कपड़ो में रह जाती क्यों है

सपनो में आके तू सताती क्यों है,,
बाहों में आके दूर जाती क्यों,,
बस एक कशमकश में रात गुज़र जाती है,,
के तेरी महक मेरे कपड़ो में रह जाती क्यों है॥

तेरी यादें ही तो तुझे मेरे पास लाती है,,
तेरे गम के सिवा हर गम भुलाती है,,
गर वो रहती है मेरी आँखों में रौशनी की तरह,,
तो आंसुओ के साथ बे बह जाती क्यों है,,
बस एक कशमकश में रात गुज़र जाती है,,
के तेरी महक मेरे कपड़ो में रह जाती क्यों है,,

तेरी आँखों में खुद को पा जाता हु मै,,
देख के उनमे गम हो जाता हु मै,,
गर वो चाहती है मुझे खुद में बसाना,,
तो देख के मेरी आँखों में झुक जाती क्यों है,,
बस एक कशमकश में रात गुज़र जाती है,,
के तेरी महक मेरे कपड़ो में रह जाती क्यों है॥

Wednesday, January 4, 2012

तब भी तुझसे प्यार किया था

जब पहली बार मिला था तुझसे,
आँखों से इकरार किया था,
मैंने अब भी तुझसे प्यार किया है,
तब भी तुझसे प्यार किया था॥

कहना मै तब भी चाहता था,
कहना मै अब भी चाहता हु,
तेरे साथ या तेरे दिल में,
रहना मै अब भी चाहता हु,
तू हो या ना हो साथ मेरे,
याद तुझे हर बार किया था,
मैंने अब भी तुझसे प्यार किया है,
तब भी तुझसे प्यार किया था,

कभी आँखों तो कभी बातों से,
दिल खोल के तुझे दिखा देता था,
तेरी बाते या तेरा चेहरा,
ना कुछ और वहा होता था,
जब भी झूठ कहा कोई तुने,
मन ही मन ऐतबार किया था,
मैंने अब भी तुझसे प्यार किया है,
तब भी तुझसे प्यार किया था,