Saturday, January 24, 2015

A little of you, for whole my life.

A little of you
a glimpse of your eyes,
few moments with you,
for whole my life.

while crossing the road,
you held my hand.
keep it that way,
until the end.

don't you change,
as time flies.
a little of you,
for whole my life.

a little of you,
a little of me.
a little too us,
a little too we.

a little is enough,
to cover the sky.
a little of you,
for whole my life.

a little you cared,
for a little of time.
but a little of you,
is a little too mine.

a little is gone.
a little will die.
a little will stay,
for whole my life.

a little of you,
for whole my life.

Tuesday, January 13, 2015

उस पार ना जाने क्या होगा

Stole a line from the epic collection of Shree Hariwansh Rai Bachchan Ji and tried to write a few lines by myself. No comparison to the original ones. I am presenting my utterly failed try here.

इस पार प्रिये मधु है तुम हो,
उस पार ना जाने क्या होगा,

इस पार देकर मधु का प्याला,
तुम हमें बहला देती हो,
उस पार हमें बहलाने का,
उपचार ना जाने क्या होगा,
इस पार प्रिये मधु है तुम हो,
उस पार ना जाने क्या होगा,

जब भी आँखे ये रोये तुम,
अपना हाथ बढ़ा देती हो,
साथ ना होकर भी तुम मेरा,
ख्वाब में साथ निभा देती हो,

मेरे सब गम धूल जाते है,
प्यार की तेरी बारिश में,
उस पार तेरी इस बारिश का,
आसार न जाने क्या होगा,

इस पार प्रिये मधु है तुम हो,
उस पार ना जाने क्या होगा,

तेरे होठो पे ही मेरे,
जीवन की मुस्कान लिखी,
तेरे बिन तो मेरे दिल ने,
हर खुशिया वीरान लिखी,

अभी कोई खुशिया जो पूछे,
तेरा नाम बता देते है,
उस पार मेरी इन खुशियों का,
आकार ना जाने क्या होगा,

 इस पार प्रिये मधु है तुम हो,
उस पार ना जाने क्या होगा,

Friday, April 27, 2012

और तेरी आरजू है..

मेरे दिल के दरमियाँ बस,
दो ही तो गुफ्तगू है,  
यादों की कशमकश है,
और तेरी आरजू है..

आजा तू दिल में रहने,
सब कुछ भुला मै दूंगा,
मेरे लिए तो यारा,
धड़कन से पहले तू है..

पाने की चाह में तुझको, 
दुनिया से लड़ गया हु,
दीवानगी की हद से,
आगे मै बढ़ गया हु,
रखके खुदा की जगह,
सजदा तेरा किया है,
माँगा भी बस तुझे है,
देने वाला भी तू है..

हर ख्वाहिश से बढ़के,
तेरी चाह मिली है,
जिंदगी की राहों से,
तेरी राह मिली है,
मंजिल से मेरा बस,
इतना सा फासला है,
पाना भी बस तुझे है,
रास्ता भी तू है..       

मेरे दिल के दरमियाँ बस,
दो ही तो गुफ्तगू है,  
यादों की कशमकश है,
और तेरी आरजू है..

Sunday, February 5, 2012

हाँ मुझे तुमसे प्यार हुआ

A very sweet poem written and sent to me by a very sweet friend, After making so much effort, I am allowed to write it on my blog. Read it, Enjoy it, Love it, It came directly from heart...

हाँ मुझे तुमसे प्यार हुआ,
ना जाने कब इकरार हुआ,

जबसे तुमको समझा,
जबसे तुमको जाना,
तबसे तुमसे प्यार हुआ,
हाँ मुझे तुमसे प्यार हुआ,

तुम्हारा मुझे सताना,
और प्यार से मनाना,
तुम्हारा मुझे देखना,
और मेरा मुस्कुराना,
हर पल जो साथ गुजारा था,
हर उस पल में इकरार हुआ,
हाँ मुझे तुमसे प्यार हुआ,

मुझसे दूर जब तुम जाते हो,
कुछ भी ना अच्छा लगता है,
हर रात तुम्हारी याद में,
दिन इंतजार में कटता है,
अब तो तुम्हारे आने के,
इंतजार से भी प्यार हुआ,
ना जाने कब इकरार हुआ,
पर ये सच है,
हाँ मुझे तुमसे प्यार हुआ,

Tuesday, January 17, 2012

तेरी महक मेरे कपड़ो में रह जाती क्यों है

सपनो में आके तू सताती क्यों है,,
बाहों में आके दूर जाती क्यों,,
बस एक कशमकश में रात गुज़र जाती है,,
के तेरी महक मेरे कपड़ो में रह जाती क्यों है॥

तेरी यादें ही तो तुझे मेरे पास लाती है,,
तेरे गम के सिवा हर गम भुलाती है,,
गर वो रहती है मेरी आँखों में रौशनी की तरह,,
तो आंसुओ के साथ बे बह जाती क्यों है,,
बस एक कशमकश में रात गुज़र जाती है,,
के तेरी महक मेरे कपड़ो में रह जाती क्यों है,,

तेरी आँखों में खुद को पा जाता हु मै,,
देख के उनमे गम हो जाता हु मै,,
गर वो चाहती है मुझे खुद में बसाना,,
तो देख के मेरी आँखों में झुक जाती क्यों है,,
बस एक कशमकश में रात गुज़र जाती है,,
के तेरी महक मेरे कपड़ो में रह जाती क्यों है॥

Wednesday, January 4, 2012

तब भी तुझसे प्यार किया था

जब पहली बार मिला था तुझसे,
आँखों से इकरार किया था,
मैंने अब भी तुझसे प्यार किया है,
तब भी तुझसे प्यार किया था॥

कहना मै तब भी चाहता था,
कहना मै अब भी चाहता हु,
तेरे साथ या तेरे दिल में,
रहना मै अब भी चाहता हु,
तू हो या ना हो साथ मेरे,
याद तुझे हर बार किया था,
मैंने अब भी तुझसे प्यार किया है,
तब भी तुझसे प्यार किया था,

कभी आँखों तो कभी बातों से,
दिल खोल के तुझे दिखा देता था,
तेरी बाते या तेरा चेहरा,
ना कुछ और वहा होता था,
जब भी झूठ कहा कोई तुने,
मन ही मन ऐतबार किया था,
मैंने अब भी तुझसे प्यार किया है,
तब भी तुझसे प्यार किया था,

Saturday, November 19, 2011

Tu chand hai meri ankho ka..

तू आया मेरे जीवन में,
बनके यादों का बसेरा॥
तू चाँद है मेरी आँखों का,
कभी आधा है कभी पूरा॥

जब भी आंखे में खोलू तू,
दुनिया रोशन करती है॥
जब बंद करू आंखे अपनी तो,
सपनो में रंग भरती है॥
जब तुझपे गम के बदल छाए,
दिन में हो जाये अँधेरा॥
तू चाँद है मेरी आँखों का,
कभी आधा है कभी पूरा॥

अपनी आंखे पढ़ते पढ़ते,
तुझको मै पा जाता हु॥
कभी तुझे बाँहों में भरके,
बदल सा छा जाता हु॥
तू ही मेरे दिल की धड़कन ,
तू ही प्यार है मेरा॥
तू चाँद है मेरी आँखों का,
कभी आधा है कभी पूरा

Friday, November 4, 2011

Loved her again

Once I loved a girl,
Who changed my life,
And I started thinking about,
Making her My wife,

My eyes were full of dreams,
of making her mine.
And slowly with time,
My love started to shine.

I started thinking about,
Her smile and her eyes.
I love everything except,
the way she cries.

Then one day,
I called her under a tree.
And that day,
I proposed her on my knee.

Then after a second,
My joy went low.
Along with a sorry,
She simply said no.

I felt so bad,
And cried like hell,
But slowly with time,
everything went well,

Day by day,
her memories gone blur.
And then finally,
I came over her.

Though the time was worse,
and my dreams were ruined,
But soon as possible,
my life got tuned.

I left her back,
with all her pain,
Then one day I saw her,
And loved her again.

Wednesday, October 26, 2011

Zindgi ne sikhaya hai

हाँ कहना तो आता था॥
मै ना कहना भी सिख गया॥
महफिलों की बारिश में॥
तन्हा रहना भी सिख गया॥

दुनिया के काबू में आके॥
दिल पे काबू पाया है॥
इस जग में कैसे जीना है॥
जिन्दगी ने सिखाया है॥

मै आगे की बढ़ता रहा॥
मंजिल को पा जाने को॥
पर पीछे मुडके ना देखा॥
रास्ता वापस आने को॥

पीछे जब मुडके देखा तो॥
कोई रास्ता ना दिख पाया है॥
तुझको बस आगे बढ़ना है॥
जिन्दगी ने सिखाया है॥

लाखो मुश्किल आएगी पर॥
तुझको ना घबराना है॥
हर मुश्किल का चीर के सीना॥
मंजिल को पा जाना है॥

तेरी हर एक हार के पीछे॥
जीत का ही साया है॥
कोई मुश्किल तुझसे बड़ी नहीं है॥
जिन्दगी ने सिखाया है॥

Monday, July 18, 2011

A dream of you

I woke up in morning...
with a smile on face..
I saw you in my dreams..
on a beautiful place..

You were looking like a doll..
with the beauty of nature..
who can teach love to..
any creature...

It was looking like a point...
where sun and moon meets..
I was coming closer to you..
with my heart beats..

your hairs were long..
and eyes were blue..
I got everything I wished..
As I got you..

I wished from god..
that my dream come true..
and that full day..
I was thinking of you..

The thought was deep...
and hard to replace..
I woke up in morning..
with a smile of face..